श्री सीता रामचंद्र स्वामी मंदिर, जिसे भद्राचलम मंदिर भी कहा जाता है, दक्षिण भारत में गोदावरी नदी के किनारे पर स्थित भगवान राम को समर्पित एक हिंदू मंदिर है।
यह भारत के तेलंगाना राज्य के भद्राद्री कोठागुडम जिले के भद्राचलम नगर में है।
हिंदू मान्यताओं में यह गोदावरी के दिव्यक्षेत्रों में से एक है और अपने महत्त्व के कारण इसे ‘दक्षिण अयोध्या भी कहा जाता है।
यह पवित्र स्थान दुनिया भर से लाखों भक्तों को आकर्षित करता है।
भद्राचलम से करीब 32 किलोमीटर दूर पर्णशाला नाम की एक जगह है। स्थानीय मान्यताओं के अनुसार भगवान राम ने अपने 14 वर्षों के वनवास का एक हिस्सा इसी जगह पर बिताया था और रावण ने इसी जगह से देवी सीता का अपहरण किया था। यहां आने वाले टूरिस्ट्स को रामायण काल से जुड़ी चीजें दिखाने के मकसद से पर्णशाला में देवी सीता के पैरों के निशान मौजूद हैं, स्वर्ण हिरण बनकर आए मारीछ की तस्वीर और भिक्षाटन के लिए संन्यासी बनकर आए रावण की भी तस्वीरें मौजूद हैं।
गोदावरी के किनारे बसा है भद्राचलम- गोदावरी नदी के किनारे बसे भद्राचलम शहर के श्री सीता रामचंद्र स्वामी मंदिर में आमतौर पर हर दिन करीब 5 हजार श्रद्धालु पहुंचते हैं।
ऐसी मान्यता है कि अपने भक्त भद्र को आशीर्वाद देने के लिए खुद भगवान राम स्वर्ग से उतरकर नीचे आए थे। भगवान राम ने भद्र को आश्वासन दिया था कि वे इसी जगह पर अपने श्रद्धालुओं के बीच मौजूद रहेंगे। तभी से इस जगह का नाम भद्राचलम पड़ गया।
Temple Timing
Darshan Time : 09:00 AM