खूब घुमा के दिया जो झटका
बार बार पत्थरो पे पटका
हो गया जब वो लहू लुहान
चूर हो गया सब अभिमान
ऐसे अब ना छोडूंगा तुझको
कहा हनु ने वचन दे मुझको
मेरे भक्तो को तेरी दृष्टि
भूल के कष्ट कभी ना देगी
शनि ने हाँ का शक्त ऊंचारा
तब हुआ जाकर छुटकारा
चोट की पीड़ा से वो रोकर
तेल मांगने लगा दुखी होकर
शास्त्र हमें ये ही बताता
जो भी शनि को तेल चढ़ाता
उसकी दशा से वो बच जाता
हनुमान की महिमा गाता
शनि कभी जो आ घेरे मत डरियो इंसान
जाप करो हनुमान का हो जाए कल्याण
हनुमान निर्णायक शक्ति
हनुमान पुरषोतम भक्ति
हनुमान है मार्गदर्शक
हनुमान है भय विनाशक
हनुमान है दया निधान
हनुमान है गुणों की खान
हनुमान योद्धा सन्यासी
हनुमान है अमर अविनाशी
हनुमान बल बुद्धि दाता
हनुमान चित शुद्धि करता
हनुमान स्वामी का सेवक
हनुमान कल्याण दारक
हनुमान है ज्ञान ज्योति
हनुमान मुक्ति की युक्ति
हनुमान है दीन का रक्षक
हनुमान आदर्श है शिक्षक
हनुमान है सुख का सागर
हनुमान है न्याय दिवाकर
हनुमान है सच का अंजन
हनुमान निर्दोष निरंजन